मंगलवार, 31 दिसंबर 2013

२०१४ स्वागत है तुम्हारा




आने वाले सुनो |
तुम मेरे लिए वो धरती हो जिस पर मेरी उम्मीदों,आशाओं,सपनो और सत्यता के फूल खिलेंगे| तुम्हारा इंतज़ार कठिन होता जा रहा है | होंठों पर मुस्कान और मन में हर्ष लिए अपनी बाहें फैलाये तुम्हारा इंतज़ार कर रहे हैं इस विश्वास के साथ की तुम अपने साथ मेरी दुनिया, मेरे सारे संसार के लिए ढेर सारी खुशियाँ, हर माता-पिता के लिए आदर , बहिन-बेटियों के लिए सम्मान और सुरक्षित माहौल, बच्चों के लिए उज्जवल भविष्य, युवाओं के लिए सही दिशा का ज्ञान, हर एक व्यक्ति के लिए संयम, सुशासन और तुम्हारे बाद भी न जाने वाली मुस्कराहट लाओगे| पूरा भरोसा रखे हैं तुम पर कि तुम ये उम्मीदें नहीं तोड़ोगे |
                                                                                                                  तुम्हारे इंतज़ार में...............
                                                                                                                     .............मैं.......................

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें