मंगलवार, 31 दिसंबर 2013

२०१३ अलविदा




जा रहे हो??????
तुम्हे तो जाना ही था, बहुत खुशियाँ दी हैं तुमने मुझे | जब भी अपनी खुशियों का और यादगार लम्हों का हिसाब करने बैठूंगी तुम्हारा ज़िक्र ज़रूर होगा, तुम्हें भूल पाना तो असंभव है ही लेकिन तुम याद भी बहुत आओगे | बहुत चाहा की तुम न जाओ लेकिन तुम रुक भी तो नहीं सकते| कितना मुश्किल है तुम्हें जाते हुए देखना| तुम्हारे जाने का वक़्त बस आ ही गया है , जानती हूँ कि इस ज़िंदगी में तुम दुबारा नहीं लौटोगे | गुज़रते हुए हर पल के साथ तुम्हारी यादें ताज़ा होती जा रही हैं| तुम न जाओ ये तो कहना भी व्यर्थ है क्यूंकि तुम्हें तो जाना ही था | अलविदा अलविदा अलविदा | 


                                                                                                        ......... तुम्हे विदा दे रही.............
                                                                                                        ................मैं........................ 

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