माँ मेरा नन्हा सा दिल है, इसको तू ये ठेस न दे।
भैया को दे देना सबकुछ , मुझको तू परदेस न दे॥
बाबुल का प्यारा सा आँगन, अंगनाई बेरी का पेड़ ।
शाम ढले दो ख़ास सहेली , गुड्डे गुड़ियों का वो खेल॥
फिर क्या मुझसे भूल हुई, क्यूँ ब्याह मेरा तू करती है।
बेटी कहीं क्यूँ पैदा होती, किसी के घर क्यूँ मरती है॥
माँ कहती है सुन मेरी बेटी, करना तेरी बिदाई है।
मैंने जनम दिया है लेकिन, मेरी नहीं पराई है॥
मेरी गुड़िया हर बेटी का , होता यही फ़साना है।
मैंने बाबुल का घर छोड़ा, अब तुझको भी जाना है॥
जा बिटिया तू साथ पीया के, सुख दुःख जो हो सह लेना।
अपने साजन की सुन लेना, साजन से ही कह लेना॥
रिश्ता तेरा मेरा क्या है, कैसी अजब पहेली है।
तू बेटी है तू हमदम है, या तू मेरी सहेली है॥
भैया को दे देना सबकुछ , मुझको तू परदेस न दे॥
बाबुल का प्यारा सा आँगन, अंगनाई बेरी का पेड़ ।
शाम ढले दो ख़ास सहेली , गुड्डे गुड़ियों का वो खेल॥
फिर क्या मुझसे भूल हुई, क्यूँ ब्याह मेरा तू करती है।
बेटी कहीं क्यूँ पैदा होती, किसी के घर क्यूँ मरती है॥
माँ कहती है सुन मेरी बेटी, करना तेरी बिदाई है।
मैंने जनम दिया है लेकिन, मेरी नहीं पराई है॥
मेरी गुड़िया हर बेटी का , होता यही फ़साना है।
मैंने बाबुल का घर छोड़ा, अब तुझको भी जाना है॥
जा बिटिया तू साथ पीया के, सुख दुःख जो हो सह लेना।
अपने साजन की सुन लेना, साजन से ही कह लेना॥
रिश्ता तेरा मेरा क्या है, कैसी अजब पहेली है।
तू बेटी है तू हमदम है, या तू मेरी सहेली है॥
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