मन के भाव, शिकवे और मुहब्बत के अनेक रंग मिलकर एक नये कलेवर की रचना करते है, जिन्हें मैं जज़्बात के नाम से जानती हूँ |इन्ही जज्बातों को समेटे आपसे रू-ब-रू हूँ |
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