मन के भाव, शिकवे और मुहब्बत के अनेक रंग मिलकर एक नये कलेवर की रचना करते है, जिन्हें मैं जज़्बात के नाम से जानती हूँ |इन्ही जज्बातों को समेटे आपसे रू-ब-रू हूँ |
गुरुवार, 15 जनवरी 2015
वचन कोशिश के होते हैं नतीजों के नहीं होते
परिंदे आसमानों के दरीचों के नहीं होते , चमन में रहके भी कुछ गुल बगीचों के नहीं होते| तुम्हें कैसे वचन दूँ चाँद को बाँहों में ला दूंगी , वचन कोशिश के होते हैं नतीजों के नहीं होते |
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