मेरे बोझिल हुए नैना मेरे कमरे की वो खिडकी,
तुम्हारी राह तकती है मेरे आंगन की मिट्टी भी।
तुझे कुछ याद है बचपन मे हमने बीज बोया था,
उसी इक नीम कि छांवों मे कटते हैं मेरे दिन भी।
कभी भूले से लिख दी थी जो तूने नाम पर मेरे,
मैं कितनी बार पढती हूं तेरी वो एक चिट्ठी भी।
मेरे इस दर्द को जब भी कभी आराम होता है,
तभी फिर से उभरते हैंंमेरे रंजो मसाइब भी।
वो परदेसी हुआ है रास्ता अब देखना भी क्या,
ना कोइ पहले लौटा और ना लौटेंगें साहिब भी।
ये रातों के साये मोहब्बत की बातें,
गज़ल यार मेरी मगर तेरी बातें।।
है ख्वाबों खयालों मे तेरा ठिकाना,
तेरी बात सुबहें तेरी याद रातें॥
नहीं और कोइ है साथी हमारा,
तेरी बात जीवन तेरी बात सासें॥
मैं चंदा को बांधे हूं ज़ुल्फों से अपनी,
इसी से तो करती हूं बस तेरी बातें॥
कब ये चाहा है तुमसे मुझे प्यार दो,
कब ये चाहा है तुम मुझको अधिकार दो ।
मैं तुम्हारे लिए तो कोई भी नहीं,
क्या असर मुझको तुम चाहे प्रतिकार दो॥
कोई आंधी अविश्वास की जो चले,
दिल तो तिनके के घर हैं उजड़ जायेगे।
रूठना और मनाना तो चलता रहे,
मेरी चाहत को पर यूँ न इनकार दो ॥
तुमसे मांगू भी क्या कोई चाहत नहीं,
तुमसे मिलने की भी कोई हसरत नहीं ।
राम मूरत हैं जिनमे है सूरत तेरी,
इस से ज्यादा क्या चाहूँ की दीदार दो॥
रख लो दुनिया के ये सारे नाते सभी ,
सारी बातें वफ़ा के इरादे सभी ।
तेरी चाहत की ज्योति से रोशन है दिल,
फिर भले अब जुदाई के अंगार दो ॥
तुम मेरी अशिकी हो तुम प्यार भी हो मेरा,
तुम चैन हो सुकुं हो तुम हो करार मेरा।
तुम मेरी रह गुज़र हो तुम मेरी मंज़िलें हो,
तुम हो निगाहें मेरी तुम इंतज़ार मेरा।
तुम आंख मे हो कजरा तुम गेसू की महक हो,
तुम झांझरों की छ्न छन तुम चूड़ी की खनक हो।
तुम मेरे दिल का मौसम सांसो की रवानी भी,
तुम हो हंसी मे शामिल तुम आंख मे पानी भी।
जो मुझमे मचलती है तुम वो लहर हो मेरी,
तुम शब मे भी ढलते हो तुम ही सहर हो मेरी।
तुमको ही ढूंढती सी राहों मे भटकती हूँ ,
तुम हो तलाश भी और तुम रह्गुज़र हो मेरी।
क्या मांगू तुमसे तोहफा तुम क्या निसार कर दो,
तुम ज़िंदगी मे मेरी बस प्यार प्यार भर दो।
या मांग लूं बस इतना बाहों को हार कर दो,
सीने से लगा लो और मेरा सिंगार कर दो।